प्रमुख बौद्ध सभाए़ं स्थान एवं शासनकाल, बुद्ध पूर्णिमा
सभा स्थान शासनकाल
प्रथम बौद्ध संगीति राजगृह अजातशत्रु
द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली कालाशोक
तृतीय बौद्ध संगीति पाटलिपुत्र अशोक
चतुर्थ बौद्ध संगीति कुंडल वन कनिष्क
नोट - चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में एक हीनयाना और एक महायाना में विभाजित हो गया ।
- बौद्धों का सबसे पवित्र तैयार वैशाख पूर्णिमा है जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इसका महत्व इसलिए है कि बुद्ध पूर्णिमा के ही दिन बुध का जन्म ज्ञान की प्राप्ति एवं महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई।